झारखण्ड फसल राहत योजना (JRFRY): ₹4000/एकड़ लाभ, बिना प्रीमियम आवेदन और संपूर्ण जानकारी

झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना (JRFRY) झारखण्ड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण क्षतिपूर्ति योजना है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं या अप्रत्याशित घटनाक्रमों के कारण फसल क्षति से प्रभावित किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

यह एक बीमा योजना नहीं है, बल्कि एक क्षतिपूर्ति योजना है। इसका अर्थ है कि किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना होता है और फसल क्षति होने पर सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ भू-स्वामी किसान (रैयत) और भूमिहीन किसान (बटाईदार/गैर-रैयत) दोनों उठा सकते हैं। यह योजना किसानों को खेती जारी रखने के लिए वित्तीय प्रवाह सुनिश्चित करती है और उनकी आय को सुदृढ़ करती है।

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झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना: संक्षिप्त विवरण

यह योजना झारखण्ड के किसानों को फसल क्षति के मामले में तत्काल राहत प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

विवरणजानकारी
योजना का नामझारखण्ड राज्य फसल राहत योजना (JRFRY)
आरंभ होने की तिथि2022 (प्रस्तावित/कार्यान्वयन)
नोडल विभागकृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार
मुख्य उद्देश्यप्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति पर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
अधिकतम सहायता राशि₹4000 प्रति एकड़ (अधिकतम 5 एकड़ तक)
आवेदन का तरीकाऑनलाइन (झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना पोर्टल)
योजना का प्रकारक्षतिपूर्ति योजना (Compensation Scheme)

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झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना क्या है?

झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना एक गैर-बीमा आधारित योजना है जो किसानों को मौसम की अनिश्चितताओं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, चक्रवात आदि से होने वाले फसल नुकसान के विरुद्ध सुरक्षा कवच प्रदान करती है। यह योजना किसानों को किसी भी प्रकार के बीमा प्रीमियम के भुगतान के दायित्व से मुक्त रखती है।

यह योजना क्यों शुरू की गई?

झारखण्ड सरकार ने केंद्र की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को प्रतिस्थापित करते हुए JRFRY को लागू किया। इसका मुख्य कारण यह था कि यह योजना किसानों पर प्रीमियम का बोझ नहीं डालती है और सीधे राज्य सरकार के माध्यम से किसानों को त्वरित एवं निश्चित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है, जिससे किसानों का विश्वास बना रहे।

अधिकतम आच्छादन क्षेत्र (Coverage Area)

इस योजना के तहत, किसान न्यूनतम 0.1 एकड़ से लेकर अधिकतम 5 एकड़ तक की कृषि योग्य भूमि के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह भू-स्वामी (रैयत) और भूमिहीन (बटाईदार/गैर-रैयत) दोनों ही प्रकार के किसानों के लिए समान रूप से लागू है।

फसल क्षतिपूर्ति का आधार

क्षतिपूर्ति राशि का आकलन फसल कटाई प्रयोगों (Crop Cutting Experiments) से प्राप्त उपज दर में हुई गिरावट के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है। सहायता तभी प्रदान की जाती है जब फसल क्षति न्यूनतम 20% या उससे अधिक हो।

फसल राहत योजना का मुख्य उद्देश्य और लाभ क्या हैं?

यह योजना झारखण्ड के कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति करती है।

मुख्य उद्देश्य

अनापेक्षित प्राकृतिक आपदा या घटनाक्रम के कारण फसल क्षति से प्रभावित किसानों को निश्चित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना।

फसल बर्बाद होने के कारण हुए नुकसान की भरपाई करके किसानों की आय को सुदृढ़ करना और उन्हें अगली बुवाई के लिए प्रेरित कर कृषि कार्य के लिए वित्तीय प्रवाह सुनिश्चित करना।

कृषि में तीव्र विकास, प्रतिस्पर्धा का मार्ग प्रशस्त करना और राज्य की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में योगदान देना।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

सहायता राशि सीधे और पारदर्शी तरीके से किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में हस्तांतरित (DBT) की जाती है।

क्षति के आधार पर निश्चित सहायता राशि:

  • 20 प्रतिशत से अधिक से 50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर: ₹3000 प्रति एकड़ की सहायता राशि।
  • 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर: ₹4000 प्रति एकड़ की सहायता राशि।

महत्वपूर्ण: क्षतिपूर्ति अधिकतम 5 एकड़ तक ही देय होगी।

योजना में बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश, चक्रवात, वज्रपात और अन्य भूगर्भीय प्रक्रियाएं शामिल हैं।

फसल राहत योजना के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज

योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तों और दस्तावेज़ों को पूरा करना आवश्यक है।

पात्रता की शर्तें

आवेदक किसान को झारखण्ड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।

यह योजना रैयत (भू-स्वामी) किसान और गैर-रैयत (बटाईदार/भूमिहीन) किसान दोनों के लिए है।

किसान की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।

लाभ न्यूनतम 0.1 एकड़ से लेकर अधिकतम 5 एकड़ तक की भूमि पर दिया जाएगा।

अपात्रता की शर्तें

निम्नलिखित श्रेणियों के व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य इस योजना के अंतर्गत अपात्र माने जाते हैं:

  • केंद्र या राज्य सरकार के वर्तमान या पूर्व कर्मचारी/पदाधिकारी (Group 4/Group D को छोड़कर)।
  • आय कर (Income Tax) देने वाले सभी व्यक्ति।
  • डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट आदि।
  • ₹10,000 से अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्ति।

आवश्यक दस्तावेज

पहचान एवं निवास प्रमाण:

  • आधार कार्ड (पंजीकरण के लिए आधार नंबर आवश्यक है)।
  • बैंक खाते का विवरण (आधार से लिंक खाता अनिवार्य)।

भूमि संबंधी दस्तावेज़:

  • रैयत किसानों के लिए: भूमि अधिकार प्रमाण पत्र (LPC) / अद्यतन लगान रसीद / खाता-खतौनी।
  • गैर-रैयत/बटाईदार किसानों के लिए: भूमि स्वामी का सहमति पत्र (Consent Letter) / भूमि बंदोबस्ती पट्टा।

अन्य दस्तावेज़:

  • घोषणा पत्र: रैयत किसान घोषणा पत्र या बटाईदार किसान घोषणा पत्र।
  • वंशावली: रैयत किसान के मामले में।
  • फोटोग्राफ: किसान का पासपोर्ट साइज़ फोटो।

फसल राहत योजना: आवेदन प्रक्रिया, स्टेटस और महत्वपूर्ण लिंक

योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है, जिसकी प्रक्रिया निम्नलिखित है।

आवेदन करने की प्रक्रिया

स्टेप-1: सबसे पहले झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर “किसान पंजीकरण” करना होगा। पंजीकरण के लिए आधार नंबर अनिवार्य है।

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स्टेप-2: पंजीकरण सफलतापूर्वक होने पर प्राप्त लॉगिन आईडी और पासवर्ड (या मोबाइल नंबर) का उपयोग करके पोर्टल पर लॉगिन करें।

स्टेप-3: लॉगिन के बाद, व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाते का विवरण (जो DBT के लिए उपयोग होगा) और भूमि से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी भरें।

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स्टेप-4: मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों (जैसे लगान रसीद, घोषणा पत्र, बैंक पासबुक आदि) को स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करें।

स्टेप-5: भरे हुए फॉर्म की समीक्षा करने के बाद आवेदन को सबमिट करें। सबमिशन के बाद, किसान को आवेदन संख्या प्राप्त होगी जिसे संभाल कर रखना होगा।

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आवेदन की स्थिति कैसे चेक करें?

स्टेप-1: झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना के पोर्टल पर “आवेदन की स्थिति जानें” लिंक पर क्लिक करें।

स्टेप-2: अपना पंजीकरण संख्या या आवेदन संख्या दर्ज करें।

स्टेप-3: स्क्रीन पर आपके आवेदन की वर्तमान स्थिति (जैसे: आवेदन जमा हुआ, सत्यापन प्रक्रिया में, भुगतान संसाधित, आदि) प्रदर्शित हो जाएगी।

आवेदन के लिए महत्वपूर्ण लिंक (Important Links)

आवेदन पत्र और घोषणा पत्र (Application Form Pdf)

संपर्क करने का विवरण (Contact Details)

यदि आपको योजना से संबंधित कोई भी जानकारी या सहायता चाहिए, तो आप नीचे दिए गए विवरण पर संपर्क कर सकते हैं:

ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर:

झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना हेल्पलाइन नंबर: 18001231136 (टोल-फ्री)

हेल्पडेस्क ईमेल:

झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना हेल्पडेस्क ईमेल: [email protected]

नोडल विभाग का पता:

विभाग का नाम: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार

पता: पहली मंजिल नेपाल हाउस, डोरंडा, रांची, झारखंड – 834002

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs)

Q1: फसल क्षति की गणना किस आधार पर की जाती है?

उत्तर: फसल क्षति की गणना फसल कटाई प्रयोगों (Crop Cutting Experiments) के आंकड़ों के आधार पर की जाती है। सहायता तभी दी जाती है जब अधिसूचित फसल की क्षति न्यूनतम 20% हो।

Q2: क्या सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र हैं?

उत्तर: नहीं, केंद्र या राज्य सरकार के वर्तमान या पूर्व कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / ग्रुप 4 / ग्रुप D को छोड़कर) इस योजना के लिए अपात्र माने जाते हैं।

Q3: बटाईदार किसानों के लिए कौन सा दस्तावेज़ अनिवार्य है?

उत्तर: बटाईदार/गैर-रैयत किसानों के लिए भूमि स्वामी का सहमति पत्र (सहमति पत्र) और गैर-रैयत किसान घोषणा पत्र अनिवार्य है।

Q4: एक परिवार अधिकतम कितनी राशि का लाभ ले सकता है?

उत्तर: सहायता राशि ₹4000 प्रति एकड़ है, जो अधिकतम 5 एकड़ तक की भूमि के लिए देय है। अतः एक परिवार अधिकतम 5 * 4000 = ₹20,000 तक की सहायता प्राप्त कर सकता है।

Q5:कौन-कौन सी प्राकृतिक आपदाएँ योजना में शामिल हैं?

उत्तर: योजना में बाढ़, जल भराव, भूकंप, सूखा या शुष्क हवाएं, चक्रवात, वज्रपात, मूसलाधार बारिश और प्राकृतिक रूप से लगने वाली आग जैसी घटनाएँ शामिल हैं। युद्ध या दुर्भावनापूर्ण क्षति इसमें शामिल नहीं है।

निष्कर्ष

झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना (JRFRY) झारखण्ड के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के विनाशकारी प्रभावों से बचाने के लिए एक सुदृढ़ और किसान-केंद्रित पहल है। यह योजना किसानों पर प्रीमियम का बोझ डाले बिना, फसल क्षति होने पर निश्चित और सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करके, कृषि संकट को कम करने और कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। सभी पात्र रैयत और बटाईदार किसानों को सलाह दी जाती है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण कर इस महत्वपूर्ण सरकारी योजना का लाभ उठाएँ।

मेरा नाम रमीज है। मैं एक प्रोफेशनल कंटेंट राइटर हूँ। पिछले 7 वर्षों से मैं शिक्षा, नौकरी और करियर, सरकारी योजनाओं, प्रौद्योगिकी और हाउ-टू गाइड जैसे विषयों पर रिसर्च-बेस्ड कंटेंट लिख रहा हूँ।मेरा लक्ष्य लोगों को सही, अपडेटेड और उपयोगी जानकारी देना है ताकि वे आसानी से अपने लिए सही समाधान पा सकें। इस वेबसाइट पर मैं विभिन्न सरकारी योजनाओं, पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रियाओं से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी साझा करता हूँ।